बाल संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता जरूरीः चतुर्वेदी
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने की बाल संरक्षण गतिविधियो की समीक्षा
बाड़मेर।
बाल संरक्षण के प्रति संवेदशीलता जरूरी है। बाल संरक्षण से जुड़े मामलांे मंे प्रशासन एवं पुलिस के साथ स्वयंसेवी संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। बाल संरक्षण के क्षेत्र मंे बेहतरीन कार्य करते हुए मानवीय संवेदना के सहभागी बने। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे जिला स्तरीय अधिकारियों एवं बाल संरक्षण से जुडी संस्थाओं के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान यह बात कही।
श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने कहा कि बाल संरक्षण एवं उनके अधिकारो के लिए मानवीय भाव रखते हुए विशेष प्रयास करने के साथ उनको मिलने वाली सुविधाआंे का फायदा दिलवाया जाए। उन्हांेने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम के लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में बाल श्रम नहीं हो एवं जो संचालक बाल श्रम कराते है उनके खिलाफ पुलिस कठोर कार्यवाही करें। उन्हांेने बाल श्रम से मुक्त कराएं गए बच्चों का फॉलोअप भी करने तथा श्रम रोकथाम के लिए वातावरण निर्माण करनें एवं इसके संबंध में कानूनी प्रावधानों की जानकारी भी प्रचारित करने पर बल दिया। उन्होंने सम्प्रेषण गृहों में अपचारित बच्चो कों कम से कम रखने एवं उन्हें समय पर न्याय दिलाने के निर्देश किशोर न्याय बोर्ड को दिए। उन्होंने कहा कि उनकी सेवा कभी भी निष्फल नहीं जा सकती इसलिए समन्वित प्रयासांे के जरिए अच्छे कार्य कर मानवीय संवेदना के सहभागी बनें। उन्होंने बालिकाओं के बलात्कार के मामलों में पुलिस की ओर से त्वरित कार्यवाही संवेदन शीलता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्हांेने बालिका शिक्षा को और अधिक बढावा देकर आत्मनिर्भर एवं मजबूत बनाने के लिए प्रयास करने की बात कहीं। उन्होंने बालिकाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से उनको लाभान्वित कराने के निर्देश दिए। श्रीमती चतुर्वेदी ने विद्यालयों में नियमित रूप से नैतिक शिक्षा से अवगत कराने के साथ बाल सभाओं का आयोजन कराने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बाल संरक्षण एवं उनके अधिकारों के लिए टीम भावना से कार्य करें। इस दौरान उन्होंने बाल श्रम की चर्चा करते हुए पुलिस, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाईन से इस संबंध में अब तक की गतिविधियों का फीडबैक लिया। श्रीमती चतुर्वेदी ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं की समस्याओं का फीडबैक लिया एवं उनसे लिखित में भी जानकारी ली। इस दौरान जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने समस्त अधिकारियांे को बाल संरक्षण के क्षेत्र मंे समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्हांेने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष की ओर से दिए गए निर्देशांे की पालना करवाने का भरोसा दिलाया। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक डा.गगनदीप सिंगला, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक हेमंत खटीक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.एस.के.एस.बिष्ट, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नवनीत पंचैरी, सदस्य राजाराम सर्राफ, चाइल्ड लाइन के सोनाराम चैधरी, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य एवं बाल संरक्षण क्षेत्र में कार्य करने वाली विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान बाल संरक्षण इकाई, किशोर न्यान अधिनियम, किशोरगृह, बाल कल्याण समिति ,पुलिस ,शिक्षा, चाइल्ड हेल्प लाईन, चिकित्सा, सामाजिक न्याय की बाल संरक्षण की गतिविधियों पर विस्तार से समीक्षा की गई।

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